200 साल से अधिक पुराना है जोधपुर का पाल बालाजी मंदिर
दर्शन करने मात्र से पूरी होती है मनोकामनाएं
मूंछ वाले बालाजी के रूप में है पहचान
ज्योतिषीय परामर्श
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली को किसी व्यक्ति के जीवन का आंकलन करने का दस्तावेज माना जाता है। जन्म कुंडली के माध्यम से व्यक्ति के भविष्य, भूत और वर्तमान को जाना जा सकता है। इसलिए अपने बारे में जानने के लिए लोग अपनी कुंडली को लेकर किसी ज्योतिषी के पास जाते हैं
आपकी दोनों हथेलियों पर हर उंगली में अलग-अलग प्रकार की रेखाएं हैं। क्या आप जानते हैं कि हर उंगली की हर रेखा आपके भविष्य के बारे में कुछ कहती है। जी हाँ, हस्तरेखा अध्ययन के जरिये आपके भविष्य और भूतकाल से जुड़ी बातें जानी जा सकती हैं।
उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम ये चार मूल दिशाएं हैं। वास्तु विज्ञान में इन चार दिशाओं के अलावा 4 विदिशाएं हैं। आकाश और पाताल को भी इसमें दिशा स्वरूप शामिल किया गया है। इस प्रकार चार दिशा, चार विदिशा और आकाश पाताल को जोड़कर इस विज्ञान में दिशाओं की संख्या कुल दस माना गया है।
मस्तिष्क रेखा व्यक्ति के स्वभाव और कार्य प्रणाली के विषय में जानकारी देती है और मानव चरित्र को जानने के लिए मस्तिष्क रेखा का अध्ययन विशेष सहायता प्रदान करता है। हस्तरेखा विज्ञान से किसी व्यक्ति के भविष्य को देखा जा सकता है। व्यक्ति की हाथ में तीन रेखाएं प्रमुख होतीं हैं,
ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन में रत्नों का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में भी रत्नों के बारे में उल्लेख किया गया है। कुंडली में कमजोर ग्रहों और उनकी नकारात्मकता को खत्म करने के लिए रत्न धारण किए जाते हैं।
जन्मपत्रिका ( कुंडली ) बनवाएं और जानिए आपका आने वाला कल !!
आपके जन्म समय और जन्म तिथि के समय आकाश में स्थित ग्रहों का संयोजन एक विशेष चक्र के रुप में करना कुंडली चक्र या लग्न चक्र कहलाता है। कुंडली, विशेष रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित रहता है।
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पाल बालाजी के परम भक्त भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास से जानिए अपना भविष्य।
9460872809